गुरुमुख या फिर निशु के नाम पर लग सकती है मुहर


धमतरी।संगठन सृजन अभियान के तहत छत्तीसगढ़ के धमतरी में जिला अध्यक्ष चुने जाने का प्रक्रिया की जारी है।इसी बीच पर्यवेक्षक के रूप में राजस्थान से रेहाना रियाज चिश्ती धमतरी राजीव भवन आगमन हुआ जहां कार्यक्रम में शिरकत करते हुए जिला अध्यक्ष के दावेदार सहित सभी कार्यकर्ताओं से मिल।वही इन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा अच्छे काम करने वाले युवा से लेकर 50 साल तक तक के कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी। लेकिन जिला अध्यक्ष उन्ही को बनाया जाएगा जो कार्यकर्ता शुरू से निस्वार्थ रूप से पार्टी के लिए कार्य किया है।  जो कभी पार्टी से बागी हुआ है उसे  जिलाध्यक्ष पद का दावेदारी से दूर रखा जाएगा। क्योंकि ऐसे लोग पार्टी को कभी भी धोखा दे सकते है ..।  आगे उन्होंने नियम कायदे हवाला देते हुए कहा कि जरूरी नहीं है कि दावेदार मुख्यालय का हो या फिर 60 किलोमीटर दूर का । जरूरी ये हैं कि वो इस पद के लिए परफेक्ट काबिलियत रखता हो। दावेदारी की संख्या को लेकर आगे उन्होंने बताया कि जिला अध्यक्ष के लिए दावेदारों का आवेदन बहुताय संख्या में आया है। इस समय परफेक्ट आंकड़ा बताना लाजिमी नहीं है।हालाकि इन्होंने यह भी कहा कि जिले के 9 ब्लॉक में जाकर सभी कार्यकर्ताओं से मिलकर चर्चा के बाद ही जिलाध्यक्ष का चयन किया जाएगा .... बहरहाल 22 अक्टूबर को फाइनल हो  जाएगा..वही जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के लिए अचानक पूर्व विधायक गुरमुख सिंह होरा के दावेदारी से अब अन्य दावदारों की दिक्कतें बढ़ गई हैं।  गौरतलब करने वाली बात है कि जिलाध्यक्ष की दौड़ में पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष निशु चंद्राकर भी अपना एड़ी चोटी लगा रहे है।देखा जाए तो एक ओर अनुभवी और परिपक्व और वरिष्ठ की गिनती में होरा जी है तो वहीं दूसरी ओर युवा संघर्षशील और जुझारू कार्यकर्ता निशु है।


अगर देखा जाए तो एक तीर है तो दूसरा तलवार।हालांकि दावेदारों की सूची में कई लोग है मगर कुछ नाम प्रमुख हैं - धमतरी से पूर्व विधायक गुरुमुख सिंह होरा,पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष निशु चंद्राकर,कुरूद से पूर्व जिला पंचायत सदस्य तारणि चंद्राकर,पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष तपन चंद्राकर,नगरी - पूर्व विधायक लक्ष्मी ध्रुव आदि शामिल हैं।हालांकि धमतरी जिले में दो विधानसभा  में कांग्रेस का जरूर कब्जा है मगर संगठनात्मक हालत जो है बहुत ही दयनीय है जिसे सुधारने के ब्रह्मास्त्र की जरूरत है। अब वो ब्रह्मास्त्र कौन होगा ये तय कांग्रेस पार्टी के मुखिया ही तय करेंगे । क्योंकि कांग्रेस पार्टी की अपनी अलग रीति रिवाज है.. जिसे जानना समझना किसी की बस की बात नहीं है। जिलाध्यक्ष की दौड़ में और भी दावेदार भी होंगे मगर ऑक्सीजन की खोज करना इन पधारे कांग्रेस नेताओं की है।  अब देखने वाली बात हैं  कि आखिर जिलाध्यक्ष का ताज किसके सर फिट होता है ... यह तो अबआने वाले वक्त ही बताएगा।

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