धमतरी। शीर्ष नेतृत्व द्वारा धमतरी विधानसभा के लिए रंजना डीपेंद्र साहू पर एक बार फिर विश्वास जताए जाने की आफवाहिक चर्चा जोरो पर हैं।
वही इस आफवाहिक घोषणा से उनके समर्थकों मे खुशी की लहर दौड़ गई ...लेकिन यह खुशी ज्यादा देर टिक नहीं पाएगी या नही ये अभी गुप्त हैं। विश्ववत सूत्रों से से पता चला है कि भाजपा की पितृ संस्था आरएसएस ने रंजना समेत कुछ नामों पर खुलकर आपत्ति जताई है। संघ ने पूरे प्रदेश भर के लिए अपने सर्वे के आधार पर नाम भेजे थे जिनमें से कुछ नाम शामिल किये गए मगर अन्य नामों को शीर्ष नेतृत्व ने नकार दिया। अब जब यह दूसरी लिस्ट जारी हुई है तो इस पर संघ समेत कई भाजपा नेताओं ने आपत्ति दर्ज कराई है। इस ओब्जेक्शन के चलते अभी रंजना की टिकट अधर में लटक गई है। आरएसएस का कहना है कि पिछले चुनाव में भी उनकी बात नहीं सुनी गई थी परिणाम स्वरूप सत्ता हाथ से निकल गई । अब यदि इस बार भी उनकी बात नहीं सुनी गई तो यहां भाजपा का पिछली बार से भी बुरा हाल हो सकता है। तो इस सूरत हाल के चलते फिलहाल रंजना समेत अन्य नाम पर अंतिम फैसला आना बाकी है जिसका इंतजार सभी लोगों को है । वही सूत्रों की माने तो संघ की लिस्ट में इंदर चोपड़ा का नाम दावेदारी की प्रथम पंक्ति में है । कांग्रेस के लोग भी इंदर की जगह रंजना को टिकिट दिए जाने उम्मीद मे हैं.. ताकि उन्हें ज्यादा मेहनत न करना पड़े। पूर्व विधायक एवं भाजपा के स्तंभ नेता कहे जाने वाले इंदर चोपड़ा के प्रत्याशी बनने पर कांग्रेस को ज्यादा खतरा है। इसलिए कांग्रेसी किसी डमी प्रत्याशी की तलाश में है जिसमें रंजना फिट बैठती है। आचार संहिता के पहले दोनों पार्टी अपने-अपने प्रत्याशी की घोषणा करने के लिए अंतिम नाम पर विचार करने लगी है। कांग्रेस पार्टी छत्तीसगढ़ में पुनःसरकार बनाने के लिए एड़ी चोटी एक कर रही है तो भाजपा फिर वही गलती दोहराने में एक कदम आगे बढ़ने के कगार पर है ऐसे में जो पिछले चुनाव में महज 15 सीटे मिली थी उससे भी आंकड़े कम होने का अंदेशा नजर आता हैं। क्योंकि सबको मालूम है कि भाजपा के कुछ नकचड़े नेताओं के कारनामो के कारण ही पार्टी को सत्ता से हाथ धोना पड़ा था। अगर ऐसे में बिना विचारे सोचे भाजपा पार्टी के द्वारा वही प्रत्याशियों को फिर चुनावी मैदान में उतारने का ऐलान किया जाता है फिर तो इस पार्टी का बेड़ा गर्क होना तय है। हर चेहरा मोदी के नाम पर चुनाव जीत ले यह भी मुमकिन नहीं.. इसलिए प्रत्याशी का चेहरा ऐसा होना चाहिए जो मोदी के नाम पर फिट बैठे।