धमतरी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और महिलाओं के खिलाफ हिंसा उन्मूलन के लिए जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से महिला बाल विकास विभाग के द्वारा धमतरी में  16 दिवसीय सक्रियता अभियान का आयोजन किया गया हैं। यह अभियान 25 नवंबर से 10 दिसंबर 2024 तक चलेगा, जो मानव अधिकार दिवस के अवसर पर संपन्न होगा।इस अभियान के तहत शासकीय महाविद्यालय आमदी में छात्राओं को महिला संरक्षण व सखी वन स्टॉप सेंटर की जानकारी प्रदान की गई।


सखी वन स्टॉप सेंटर कि केंद्र प्रशासक उषा ठाकुर ने संस्था के द्वारा दिए जाने वाले पांच प्रमुख सेवाये अस्थायी आश्रय, पुलिस-डेस्क, विधि सहायता, चिकित्सा, काउंसलिंग आदि  की जानकारी देते हुए बताया किसखी वन स्टॉप सेंटर, भारत सरकार की एक योजना है. इसका मकसद, हिंसा से प्रभावित महिलाओं को एक ही जगह पर सहायता देना है. इस योजना के तहत, शारीरिक, यौन, भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक, और आर्थिक शोषण का सामना करने वाली महिलाओं को मदद दी जाती है।

वही संरक्षण अधिकारी सुश्री अनामिका शर्मा ने  महिला संरक्षण अधिनियम, 2005 घरेलू हिंसा की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि शारीरिक दुर्व्यवहार अर्थात शारीरिक पीड़ा, अपहानि या जीवन या अंग या स्वास्थ्य को खतरा या लैगिंग दुर्व्यवहार अर्थात महिला की गरिमा का उल्लंघन, अपमान या तिरस्कार करना या अतिक्रमण करना या मौखिक और भावनात्मक दुर्व्यवहार अर्थात अपमान, उपहास, गाली देना या आर्थिक दुर्व्यवहार अर्थात आर्थिक या वित्तीय संसाधनों, जिसकी वह हकदार है, से वंचित करना,मानसिक रूप से परेशान करना ये सभी घरेलू हिंसा कहलाते हैं। इस  अधिनियम है मात्र उद्देश्य उन पीड़ित महिलाओं को घरेलू हिंसा से बचाना और उन्हें विधिक सहायता उपलब्ध कराना हैं।

 

कार्यक्रम के अंत मे सहायक प्रध्यापक डॉ गौकरण प्रसाद जायसवाल ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि छात्राओं को शासन की विभिन्न योजनाओं व उसके कार्यप्रणाली की जानकारी दी गई है उससे निश्चित तौर उनका लाभ होगा। कार्यक्रम का संचालन प्राध्यापक डी. के.अटल के द्वारा किया गया। इस अवसर पर अंकित कुमार बोधवानी, सहायक प्राध्यापक (वाणिज्य), सविता गिलहरे, प्रयोगशाला तकनीशियन, अतिथि प्राध्यापक - डॉ. उपमा, रमेश सिंह, गोपाल देवांगन, हेमेंद्र साहू, युगेश्वर साहू सहित महाविद्यालय के स्टॉप व छात्राये प्रमुख रूप से उपस्थित थे।

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