धमतरी।टिकिट कटने की बौखलाहट से परेशान विधायक के गुस्से की शिकार हुई एडिशनल एसपी के हाथ उखाड़ने की धमकी पर  अभी तक पुलिस प्रशासन के द्वारा कोई कार्यवाही नही होने से आम जनता में काफी नाराजगी देखी जा रही है..उनका ये भी कहना है कि क्या कानून का डंडा सिर्फ आम पब्लिक के लिए है..?

धमतरी विधायक रंजना साहू और एडिशनल एसपी के बीच हुए खींचातानी एवं धमकी के बाद भी पुलिस विभाग के द्वारा पुलिस विभाग के द्वारा मौन धारण करना आम नागरिक को गवारा नहीं हो रहा है ...वही यह घटना आम पब्लिक के साथ होता तो धारा 506 सहित अन्य धारा भी जोड़कर उसे दो झापड़ मार त्वरित कार्रवाई कर सलाखों के पीछे धकेल दिया जाता..


मगर ये मामला एक विधायक से जुड़ा हैं इसलिये पुलिस विभाग ने चुप्पी साध के बैठ गई है..जनता जनार्दन जानना चाहती हैं विधायक के पावर के आगे पुलिस प्रशासन क्यो नतमस्तक हैं..? अगर यही सब जी हुजूरी करना था तो विधायक के साथ उलझना ही क्यों था..लेकिन एडिशनल एसपी को यह भी पता होना चाहिए कि विधायक रंजना साहू भी एक आम पब्लिक है... आम पब्लिक को किसी प्रदर्शन आंदोलन से परेशानी हो रही थी तो उनके द्वारा उठाया गया कदम तारीफे  काबिल भी है ...कोई विधायक मंत्री जनता से बढ़कर नही हैं.. उसे भी आखिर जनता जनार्दन के द्वारा चुना जाता है ....तो वो भी पहले एक आम नागरिक ही है... मगर अभी तक उसके खिलाफ किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं करना यह पुलिस विभाग के लिए बहुत दुर्भाग्यजनक बात है ..अभी तक पुलिस विभाग के द्वारा विधायक के खिलाफ  शिकायत आखिर क्यों नहीं किया जा रहा है ..ये एक सवालिया निशान है...ऐसे में आम जनता  का पुलिस विभाग  पर क्या विश्वास बना रहेगा...? क्या पुलिस का डंडा सिर्फ गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों के लिए ही बना है...? आखिर अभी तक कोई शिकायत कार्यवाही की सुगबुगाहट भी नही हो रही हैं ..क्योंकि यह  एक विधायक द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के आखिर हाथ उखाड़ने का धमकी का मामला हैं..

अगर इस धमकी पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होती तो आगे भी इसी तरह की धमकियां चमकिया पुलिस विभाग के अधिकारियों को लोगों के द्वारा दी जा सकती है.. जिसे भी उन्हें सहना पड़ेगा...? विधायक रंजना साहू के द्वारा एडिशनल एसपी को धमकी दिए जाने के बाद से ही कार्रवाई की मांग उठ रही हैं..


आदिवासी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा भी जिला प्रशासन को ज्ञापन सौप कर कार्रवाई की मांग तो की गई है ....मगर स्वयं एडिशनल एसपी मधुलिका सिंह इस मामले को लेकर अभी तक आखिर खामोश क्यों है..? यह प्रश्न हमारा नहीं यह प्रश्न उनसे धमतरी वासियों के द्वारा किया जा रहा है जिसका जवाब महिला एडिशनल एसपी को उन्हें देना होगा..

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