सरायपाली अब बड़े शहरों के साथ छोटे शहरों व कस्बों में भी वायु प्रदूषण पढ़ता जा रहा है। यहां भी इसका असर देखा जा सकता है। बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण हमारे आसपास का पर्यावरण दिन प्रतिदिन प्रदूषित होता जा रहा है।

       इस संबंध में अनूप कुमार त्रिपाठी (प्रिंस) अनुसंधान एवं विस्तार वन इकाई सरायपाली के बी,एफ,ओ से चर्चा करने पर इसके उपाय भी बताए। जो हैं तो काफी मामूली लेकिन हैं बड़े काम के। इनके अनुसार व्यक्ति को स्वयं पर्यावरण के प्रति जागरूक होना चाहिए। पॉलीथिन बैग का उपयोग करने से बचना चाहिए। कूड़ा तथा कचरा को जलाना नहीं चाहिए

उल्लेखनीय है कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते लगातार तापमान बढ़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार यदि यही हाल रहा तो आने वाले समय में वातावरण में व्यापक बदलाव होंगे। जल संकट के साथ साथ तापमान चरम पर होगा जिसे झेल पाना संभव नहीं होगा। मामूली उपाय के बाद अपने आसपास के वातावरण को प्रदूषित होने से बचा सकते हैं, साथ ही आने वाले संकट को भी टाला जा सकता है। इन सबके लिए जरूरी है की व्यक्ति स्वयं पर्यावरण के प्रति जागरूक हो तथा मामूली उपायों को व्यवहार में लाकर इसके सरंक्षण के लिए कार्य करे। इस कार्य की शुरूआत अपने घर से करने की जरूरत है। पालीथीन बैग का उपयोग करने से बचने के साथ ही कूड़ा-कचरा को जलाना भी नहीं चाहिए। पेट्रोल डीजल से चलने वाले वाहनों की सर्विसिंग समय-समय पर कराना जरूरी है। कचरे को पालिका द्वारा रखे गए कंटेनर में फेंकना चाहिए। घर में पूरी तरह क्रांक्रीट करण ना कर कुछ स्थान छोड़ कर उसमें क्यारी बनाए। भोजन के पहले हाथ धोने तक का पानी भी उन क्यारियों में डाले।
उन्होंने यह भी कहा कि हर व्यक्ति को अपने या अपने पूर्वजों के नाम पर या अपने जन्मदिवस पर कम से कम एक पौधा रोपण करें  यदि घर में जगह नहीं है तो ऐसा स्थान खोजें जहां पेड़ लगाने पर किसी तरह व्यवधान या किसी को आपत्ति ना हो।

खाली जगहों पर पीपल, नीम, आम,बरगद आदी के पेड़ लगाएं। ये पेड़ चिरायु होने के साथ साथ पर्यावरण के बड़े मित्र हैं। नीम कीटाणु नाशक है और बरगद से ज्यादा से ज्यादा आक्सीजन मिलता है। घर में कुछ औषधीय पौधे लगाकर इसका बड़ा लाभ लिया जा सकता है। घर आंगन में तुलसी, एलोविरा, दुब, नीम, सदा सुहागन, नीबू, गिलोय आदी के पौधे लगाए जा सकते हैं। इससे घर में हरियाली रहने के साथ साथ लोग भी स्वस्थ रहेंगे। जरूरत पड़ने पर इन पौधों को उपयोग में लाया जा सकता है जल जंगल ही जीवन है आइए इन्हें बचाएं
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