धमतरी।धमतरी में महापौर चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी की एक जबरदस्त लापरवाही सामने आई है। पहली बार ऐसा हुआ है कि किसी महापौर का नामांकन रद्द किया गया है और इसका संपूर्ण जवाबदारी कांग्रेस चयन कमेटी के ऊपर जाता है कि उन्होंने बिना भी जांच पड़ताल के प्रत्याशी का चयन किया है। वही फॉर्म भरने के समय भी किसी जानकर वकील के द्वारा सलाह नही ली गई कि क्या क्या प्रक्रिया के तहत अभ्यर्थी को सुरक्षित किया जा सकता हैं। वही इतनी बड़ी एक राष्ट्रीय पार्टी के प्रत्याशी के लिए लापरवाही समझ से परे है। साथी डमी प्रत्याशी के रूप कोई ठोस दावेदार को नामांकन दाखिल नहीं करवाया गया जिसका खामियाजा आज कांग्रेस पार्टी को भुगतना पड़ रहा है। आखिर इस सभी गलतियों का जिम्मेदार कौन है? इसके अलावा एक मात्र डमी प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने वाले तिलक राज सोनकर को कांग्रेस पार्टी के द्वारा अपना प्रत्याशी नहीं बनाया गया और ना ही उन्हें भी फॉर्म भी दिया गया। क्योंकि साधारण कार्यकर्ता का सिर्फ एक ही कसूर है कि वह कांग्रेस का एक सच्चा सिपाही तो है लेकिन पैसे से बलवान नहीं है,जिसके कारण कांग्रेस पार्टी ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाना उचित नहीं समझा। ऐसे में उन सभी कांग्रेस के सच्चे सिपाही जो पैसे से बलवान नहीं है उन्हें भी सतर्क होने की जरूरत है। क्या ऐसे लोगों का पार्टी से भीड़ बढ़ने और नारेबाजी करने के लिए इस्तेमाल करती है जो बेचारे अपने नंबर आने का इंतजार करते-करते तरस जाते हैं।
मगर ऐसे लोगों को मौका नहीं मिल पाता। चर्चा के दौरान काँग्रेस के डमी प्रत्याशी तिलक राज सोनकर अपनी पीड़ा को व्यक्त करते हुए कहा कि महापौर प्रत्याशी के बी फार्म को लेकर वे बहुत ही आस्वत थे मगर उनके साथ इस तरह भेदभाव किया गया जो बिल्कुल अनुचित हैं। और कहीं ना कहीं यह बर्ताव छत्तीसगढ़ियों के लिए बहुत ही निंदनीय और अशोभनीय भो है जिसके कारण हम जैसे गरीब निष्ठावान छत्तीसगढ़ी कार्यकर्ताओं को आगे आने का मौका नहीं मिल पाता। नगरीय निकाय चुनाव में महापौर कांग्रेस के प्रत्याशी होते हुए आज बिना कांग्रेस प्रत्याशी के निगम का चुनाव हो रहा है जो बहुत ही शर्मनाथ घटना है।
पार्टी चाहती तो उन्हें अपना प्रत्याशी बनाकर निगम का चुनाव लड़ सकती थी और वे भी जी तोड़ मेहनत कर पार्टी की साख बचाने के लिए जी तोड़ प्रयास करते मगर उनका जो अरमान था वह व्यर्थ ही निकला। श्री सोनकर का यहां तक कहना है था कि पार्टी ने उन पर भले ही विश्वास नहीं जताया लेकिन उनका आज भी और मरते दम तक कांग्रेस पार्टी पर आस्था और विश्वास रहेगा।और वे हमेशा पार्टी के एक सच्चे सिपाही ही रहेंगे।वही निष्ठावान कांग्रेसियों का ये भी कहना है महापौर प्रत्याशी के चयन में जो भी लापरवाही हुईं हैं उसके लिए जिन जिन लोगो ने षड्यंत्र रचा है उसकी कांग्रेस हाईकमान सूक्ष्म रूप से जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह पार्टी को कोई हसीं का पात्र न बना सके।
पार्टी चाहती तो उन्हें अपना प्रत्याशी बनाकर निगम का चुनाव लड़ सकती थी और वे भी जी तोड़ मेहनत कर पार्टी की साख बचाने के लिए जी तोड़ प्रयास करते मगर उनका जो अरमान था वह व्यर्थ ही निकला। श्री सोनकर का यहां तक कहना है था कि पार्टी ने उन पर भले ही विश्वास नहीं जताया लेकिन उनका आज भी और मरते दम तक कांग्रेस पार्टी पर आस्था और विश्वास रहेगा।और वे हमेशा पार्टी के एक सच्चे सिपाही ही रहेंगे।वही निष्ठावान कांग्रेसियों का ये भी कहना है महापौर प्रत्याशी के चयन में जो भी लापरवाही हुईं हैं उसके लिए जिन जिन लोगो ने षड्यंत्र रचा है उसकी कांग्रेस हाईकमान सूक्ष्म रूप से जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह पार्टी को कोई हसीं का पात्र न बना सके।
Show comments